हालांकि, आधिकारिक पुष्टि नहीं
गुमला: प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के सुप्रीमो ब्रजेश यादव ने कथित तौर पर सरेंडर कर दिया है। हालांकि, पुलिस या प्रशासन द्वारा अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ब्रजेश यादव पर सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।ब्रजेश यादव गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड स्थित कठठोकवा गांव का निवासी है। सूत्रों के मुताबिक, उसके सरेंडर के बाद अब गुमला जिले से जेजेएमपी उग्रवादी संगठन का सफाया हो गया है।
नेतृत्व परिवर्तन के बाद सरेंडर: जेजेएमपी के पूर्व सुप्रीमो रवींद्र यादव ने अपने पूरे दस्ते के साथ कुछ समय पहले लातेहार में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद, सब जोनल कमांडर ब्रजेश यादव ने जुलाई माह में खुद को संगठन का नया सुप्रीमो घोषित कर दिया था और गुमला जिले में सक्रिय था।
पुलिस की कार्रवाई का असर: बताया जा रहा है कि हाल ही में बिशुनपुर के केचकी जंगल में पुलिस मुठभेड़ में जेजेएमपी के तीन हार्डकोर उग्रवादियों को मार गिराया गया था। इस बड़ी कार्रवाई और लगातार पुलिस के बढ़ते दबाव के डर से ही ब्रजेश यादव ने सरेंडर करने का फैसला किया।

गुमला से जेजेएमपी का अंत: घाघरा में हुई मुठभेड़ में जेजेएमपी के अन्य उग्रवादियों के मारे जाने के बाद, ब्रजेश यादव अपने दो-चार साथियों के साथ गुमला जिले में बचा था। उसके आत्मसमर्पण से गुमला में जेजेएमपी की गतिविधियों का अंत माना जा रहा है।पुलिस महानिदेशक डीजीपी समेत वरिष्ठ अधिकारी लगातार उग्रवादियों को आत्मसमर्पण करने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं।
